Tahreeren
मुझमें ज़िन्दा है कहीं आज भी दुनिया मेरी
Friday, 9 May 2014
वो हँसता है وہ ہنستا ہے
کسی کی خوبصورت ہنسی کے نام
*
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किसी की खूबसूरत हँसी के नाम...
*
वो हँसता है
तो लगता है
उजाले की किरन
आईनों से टकराई है
और सारे रंगों की धनक
बोझल फ़ज़ाओं में
बिखरती जा रही है
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